हाल के दिनों में दुनिया में लगभग हर जगह हम लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकारों में निरंकुश शासन प्रवृत्ति में अभूतपूर्व वृद्धि देख रहे है। दूसरी ओर यह उत्साहजनक है कि रचनात्मक और जागरूक नागरिकों की पहल से भागीदारीपूर्ण, पारदर्शी और न्यायसंगत प्रशासन की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में अप्रैल २०२२ के राष्ट्रपति चुनाव के लिए फ्रांस में नई पहलों में से एक « La Primaire Populaire » (ला प्रिमेर पौपुलेर) है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
२०१७ के राष्ट्रपति चुनाव विजेता Emmanuel Macron (इमॅन्युएल मॅक्रॉन) ने पहले दौर में सोशलिस्ट पार्टी (Parti Socialiste-मध्य-वाम) और रिपब्लिकन (Les Républicains-दाएं) जैसी पारंपरिक पार्टियों के उम्मीदवारों को हराकर हलचल मचा दी थी। इसके बाद उन्होंने दूसरे दौर में अती दक्षिणपंथी उम्मीदवार मारिन ल पेन (Marine Le Pen) को आसानी से हरा दिया था। तब से उनकी सरकार ने जो बाएं, दाएं और औद्योगिक दुनिया के व्यक्तियों के मिश्रण से बनी है कई गंभीर चुनौतियों और अलोकप्रियता का सामना किया है। इनमें से पिछले कुछ वर्षों की प्रमुख चुनौतियाँ जैसे: "Gilets Jaunes" (Yellow Vest) आंदोलन, पर्यावरण के लिए नागरिक सम्मेलन (La Convention Citoyenne pour le Climat), कोव्हिड का कुप्रबंधन और कई सेवाओं को पाने के लिए एक शर्त के रूप में "स्वास्थ्य पास" का लागू करना है। वर्तमान सरकार के खिलाफ जनता के आक्रोश के बावजूद राजनीतिक पटल के वाम और दाएं पक्षों की पार्टियों की कमजोरी की वजह से २०२२ में मॅक्रॉन-ल पेन के बीच फिर से संघर्ष की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
इस पृष्ठभूमि के बीच कुछ हौसलेमंद नागरिकों ने वाम और हरे (Green) पक्षोंके राजनीतिक परिवार से एक आम उम्मीदवारी आगे लाने की चुनौती स्वीकार की है। इनमें ला फ्रान्स अँसोमीज (La France Insoumise-वाम), समाजवादी पक्ष (Parti Socialiste-PS) आणि युरोप इकॉलॉजी ले व्हेर (Europe Ecologie Les Verts-EELV) शामिल हैं। विशेष रूप से PS और EELV पार्टियों से राष्ट्रपति पद के लिए कई इच्छुक उम्मीदवार हैं। वैकल्पिक राजनीति में ऐसा प्रयास २०१७ के राष्ट्रपति चुनाव से पहले २०१६ में भी किया गया था। लेकिन उस समय राजनीतिक दलों को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया था [1]।
फ़्रांस में अंतर्गत पक्षीय चुनाव प्रणाली (Les Primaires Françaises)
फ़्रांस में "Primaire" ये कार्यकर्ताओं के मतदान के माध्यम से पार्टी के भीतर उम्मीदवारों का चयन करने की एक प्रक्रिया है। इसमें इच्छुक उम्मीदवारों के बीच मतदान से पहले, पत्रकारों द्वारा टेलीविजन पर बहस करवाई जाती है। बहसमें अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, आंतरिक सुरक्षा, विदेश मामले जैसे विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे शामिल होते हैं। बहस के बाद मतदान होता है और दूसरे दौर के लिए पहले दो उम्मीदवारों का चयन किया जाता है। दूसरे दौर के मतदान से पहले चुने गए दो उम्मीदवारों के बीच एक बार फिर बहस करवाई जाती है। हालांकि, सभी राजनीतिक दल इस "Primaire" प्रक्रिया का पालन नहीं करते हैं। उदाहरण के लिए आमतौर पर ला फ्रान्स अँसोमीज दल में "Primaire" नहीं होती और इसके बजाय इसके संस्थापक, ज्यो-ल्यूक मेलोंशों (Jean-Luc Mélenchon) को इसके उम्मीदवार के रूप में घोषित किया जाता है। समाजवादी पार्टी ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि सर्वसम्मति से उम्मीदवार घोषित किया जाए या एक "Primaire" की जाए। हालाकी युरोप इकॉलॉजी ले व्हेरः ने « Primaire » प्रक्रिया को अपनाया है।
जन-आयोजित Primaire (La Primaire Populaire)
यह पहल १६ वर्ष से अधिक आयु के सभी फ्रांसीसी नागरिकों के लिए खुली है। नागरिक इनकी वेबसाइट (https://primairepopulaire.fr/) पर 11 अक्टूबर २०२१ तक जितने चाहें उतने उम्मीदवारों की सिफारिश (recommend/endorse) कर सकते हैं। उम्मीदवार वामपंथी विचारधारा वाले परिवार में मौजूदा राजनीतिक दलों के नेता या कोई भी नागरिक हो सकते हैं जो कम से कम ५०० सिफारिशें प्राप्त करने में कामयाब रहे हों। ११ अक्टूबर के बाद पहले ५ महिलाओं और ५ पुरुषों का चयन कर चर्चा के लिए उन्हे आमंत्रित किया जाएगा। इसके बाद १३ से १६ जनवरी २०२२ के बीच मतदान होगा [2]। हालांकि इन दस चयनित उम्मीदवारों के लिए दो पूर्वापेक्षाएँ (prerequisites) हैं। पहली शर्त यह है कि इस प्रक्रिया के माध्यम से चुने गए (विजेता) किसी भी उम्मीदवार का समर्थन करके Primaire Populaire के परिणाम का सम्मान किया जाएगा । और अंतिम दौर में हारने वाले सभी उम्मीदवार सार्वजनिक रूप से इसकी घोषणा करके अपनी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी वापस ले लेंगे। दूसरी शर्त यह है कि Primaire Populaire के आयोजकोंदवारा प्रस्तावित संयुक्त घोषणापत्र को मंजूरी देंगे और निर्वाचित होने पर इसे लागू करेंगे [3]।
१ अक्तूबर २०२१ को कुल 4.77 करोड़ अधिकृत फ्रांसीसी मतदाताओं में से "Primaire Populaire" की वेबसाइट पर पंजीकृत नागरिकों की संख्या १,२३,४४५ (एक लाख तेईस हजार चार सौ पैंतालीस) [4]।
विज्ञापन और प्रचार
किसी भी स्थापित मीडिया ताकत और संसाधनों के अभाव में इस पहल के प्रचार का बोझ हौसलेमंद नागरिकों के कंधों पर आ गया है। इसलिए स्वयंसेवक अधिक से अधिक नागरिकों से उनकी वेबसाइट पर जाकर ११ अक्टूबर २०२१ से पहले पंजीकरण करने का आग्रह कर रहे हैं। इसके अलावा इंटरनेट पर भी इस पहल के विज्ञापन के लिए वार्तालाप आयोजित किए जा रहे हैं। फ़्रांस के कुछ शहरों में स्वयंसेवक साप्ताहिक बैठकें भी करते हैं ताकि काम की तरक्की और आज तक की रणनीति का मूल्यांकन किया जा सके।
वित्तीयन
इस प्रक्रिया को कार्यान्वित करने में कई लागतें शामिल हैं। लगभग १५ पूर्णकालिक कर्मचारियों को काम पर रखा गया है [1]। इसके अलावा, सप्ताहांत (Saturday-Sunday) के दौरान आयोजित स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण, कानूनी मामलों से निपटनेवाले वकीलों की सेवाओं, सोशल मीडिया अभियान आदि का खर्च भी शामिल है। इस सब की अनुमानित लागत ७,00,000 € [5] है। इन सभी खर्चों को दान के माध्यम से वहन करने के साथ-साथ दिसंबर में अंतिम मतदान १६ वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों के लिए 2 € (यूरो) के प्रतीकात्मक योगदान के बदले किया जाएगा।
निष्कर्ष
इस अनूठी प्रक्रिया ने हमेशा के निराशाजनक राजनीतिक वातावरण में नागरिकों की सामूहिक और सक्रिय भागीदारी के माध्यम से उत्साह और आशा जगाई है। हालांकि, इस अभियान की सरलता इस तथ्य में निहित है कि जिस उम्मीदवार का राजनीतिक कार्यक्रम लोगों को आकर्षित कर रहा है उसका समर्थन करने के बजाय वे उन उम्मीदवारों का समर्थन करे जो पिछले कुछ वर्षों में जन आंदोलनों के सहमति परिणाम के रूप में तैयार किए गए न्यूनतम कार्यक्रम (commun minimum programme) को स्वीकार करते है। इस घोषणापत्र के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु : पर्यावरण कानून, संविधान में संशोधन, नागरिकों द्वारा शुरू किए गये जनमत संग्रह (referendum), आदि [3]। La Primaire Populaire का आदर्शवादी लक्ष्य है की वामपंथी-हरे परिवार से एक आम उम्मीदवारी को आगे लाना है और एक व्यावहारिक लक्ष्य है की सर्वसम्मित घोषणापत्र को उम्मीदवारों से मंजूरी देना।
एक और ख़ासियत यह थी कि वामपंथी-हरे परिवार से, उनकी आत्म-प्रेरणा और समझ के साथ एक आम उम्मीदवारी का आगे आना मुश्किल था। इसे बाहर से आना था, नागरिक पहल और दबाव से। और इसीलिए इस अभियान की सफलता अधिक से अधिक नागरिकों की भागीदारी पर निर्भर करती है। ताकि यह प्रक्रिया और उसका निर्णय उम्मीदवारों पर बाध्यकारी हो।
इस प्रक्रिया के परिणाम जो भी हों, आने वाले महीने वैकल्पिक राजनीति के उदय के लिए आशाजनक नजर आ रहे हैं।
[1] https://france3-regions.francetvinfo.fr/provence-alpes-cote-d-azur/bouches-du-rhone/marseille/la-primaire-populaire-sur-les-traces-du-printemps-marseillais-pour-propulser-un-candidat-unique-a-gauche-en-2022-2247187.html
[2] https://www.20minutes.fr/elections/presidentielle/3147387-20211013-presidentielle-2022-vote-primaire-populaire-prevu-13-16-janvier
[3] https://primairepopulaire.fr/le-socle-commun/
[4] https://primairepopulaire.fr/
[5] http://primairepopulaire.fr/page-explicative-du-don/
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